असेम्बलर , कम्पाइलर एवं इंटरप्रेटर
कंप्यूटर
मशीन भाषा(Machine Language)/बाइनरी भाषा(Binary Language )/0 या 1 की भाषा के अलावा किसी अन्य कम्प्युटर भाषा(Computer Language) में लिखे गए किसी भी प्रोग्राम
को नहीं समझ पाता है
अन्य भाषाओं में लिखे गए प्रोग्राम्स को क्रियान्वित (Execute) करने से पूर्व इन प्रोग्राम्स का अनुवाद(Translate)
मशीन भाषा में करना आवश्यक होता है । इस तरह के अनुवाद(Translate)
को सॉफ्टवेयर की सहायता से किया
जाता है ऐसे प्रोग्राम/सॉफ्टवेअर जो मशीन भाषा (Machin
Language) के अतिरिक्त
किसी अन्य भाषा में बने प्रोग्राम को मशीन भाषा में बदलते है
ऐसे प्रोग्रामो को लेंगवेज
ट्रांसलेटर(Language Translator) कहा जाता है लैंग्वेज ट्रांसलेटर, सिस्टम सॉफ्टवेर की श्रेणी में आते है यह तीन प्रकार के होते है
१. असेम्बलर (Assemblar)
२. कम्पाइलर (Compiler)
३. इन्टरप्रेटर (interpreter)
असेम्बलर (Assembler) : एक
ऐसा प्रोग्राम जो एसेम्बली भाषा में लिखे
प्रोग्राम को मशीन भाषा के प्रोग्राम में बदलता है उसे असेम्बलर (Assembler) कहा जाता है। असेम्बलर,
एसेम्बली भाषा में लिखे प्रोग्राम जिसे सोर्स कोड (Source Code) कहा जाता को मशीन कोड प्रोग्राम जिसे ऑब्जेक्ट
कोड (Object Code) कहा जाता है , में अनुवादित (Translate) करता है
यहाँ ध्यान रहे की
असेम्ब्ली भाषा में लिखे कोड को नेमोनिक कोड (Mnemonic Code) भी कहा जा है तथा
असेम्बलर सिस्टम सॉफ्टवेर की श्रेणी में आता है
असेम्बलर को कोड़ उत्पन्न करने के आधार पर दो भागो में विभाजित किया जाता है
1. सेल्फ असेम्बलर (Self Assembler) या रेसीडेंट असेम्बलर (Resident Assembler)
ऐसा असेम्बलर जो जिस कंप्यूटर पर चलाया जाता उसी ही कंप्यूटर
के लिए मशीन कोड का उत्पन्न करता है तो उसे सेल्फ
असेम्बलर या रेसीडेंट असेम्बलर कहा जाता है।
2. क्रॉस असेम्बलर (Cross Assembler)
यदि असेम्बलर जो किसी एक कंप्यूटर पर चलता है और
दूसरे कंप्यूटर के लिए मशीन कोड का उत्पन्न करता है तो इसे क्रॉस असेंबलर कहा जाता
है
कम्पाइलर
एक
कंपाइलर एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो उच्च-स्तरीय भाषा (High
Level Language) में लिखे गए प्रोग्राम को मशीन
भाषा (Machine Language) में अनुवाद(Translate)
करता है। उच्च-स्तरीय प्रोग्राम को
'सोर्स कोड' (Source Code) कहा
जाता है। कंपाइलर को सोर्स कोड को मशीन कोड या
कम्पाइल्ड कोड(Compiled Code)में
अनुवाद करने के लिए उपयोग किया जाता है। कंपाइलर प्रोग्राम को चलाने(Execute) से पूर्व सम्पूर्ण सौर्स कोड को भाषा सम्बन्धी त्रुटियों जिन्हें सिंटेक्स एरर (Syntex Error ) कहा जाता के लिए जांचा जाता है अगर कोई सिंटेक्स
एरर आती है तो उसे दूर किया किया जाता है
यह प्रक्रिया तब तक की जाती है जब तक की पूरा प्रोग्राम त्रुटि रहित (Error Free)
नहीं हो जाता है एक बार प्रोग्राम त्रुटि रहित होने के बाद इसे इसे कम्पाइलर
द्वारा कम्पाइल किया जाता है तथा ऑब्जेक्ट
कोड (Object Code) /मशीन कोड (Machine Code) प्राप्त किया जाता है कम्पाइलर द्वारा प्राप्त ऑब्जेक्ट कोड (Object
Code) सामन्यतया EXE फाइल के रूप में होता है एक बार Object code
प्राप्त होने के बाद इसे अनेको बार बिना कम्पाइल करे क्रियान्वित(Execute)/चलाया(Run)
किया जा सकता है
इंटरप्रेटर(Interpreter)
इंटरप्रेटर एक ऐसा प्रोग्राम है जो किसी उच्च स्तरीय भाषा में लिखे प्रोग्राम को
मशीन कोड में अनुवाद(translate)करता है । परन्तु इंटरप्रेटर एक बार में प्रोग्राम की एक पंक्ति(Line)का अनुवाद करता है और इसे
क्रियान्वित(Execute)करता है। फिर यह प्रोग्राम के अगली पंक्ति(line)को
पढ़ता है और इसका अनुवाद करता है और इसे क्रियान्वित(Execute)करता है। इस तरह से यह आगे बढ़ता जाता है जब तक प्रोग्राम की सभी लाइनों
को अनुवाद(translate)और क्रियान्वित(Execute) नहीं किया जाता है। कम्पाइलर के विपरीत, जो
पहले प्रोग्राम को कम्पाइल करता है तथा फिर क्रियान्वित(Execute) करता है , इंटरप्रेटर
प्रोग्राम का लाइन दर लाइन अनुवाद
करता है तथा साथ की साथ इसे क्रियान्वित(Execute)करता है
Cpu
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